योगी सरकार का पर्यावरण संरक्षण पर फोकस: इलेक्ट्रिक बसों से ग्लोबल वार्मिंग और खर्च दोनों पर नियंत्रण
वाराणसी में ई-बसें रोज बचा रहीं 3,000 लीटर डीजल और कम कर रहीं 7,500 किग्रा कार्बन उत्सर्जन
फॉरेन एक्सचेंज भी हो रहा सुरक्षित, ई-बसें बना रहीं यात्रियों का सफर सुहाना और सुरक्षित
वाराणसी: पर्यावरण संरक्षण के लिए योगी सरकार विभिन्न उपायों पर जोर दे रही है। 36.80 करोड़ पौधरोपण के साथ वाराणसी में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ये बसें न सिर्फ यात्रियों को आरामदायक सफर का अनुभव दे रही हैं, बल्कि ईंधन और पर्यावरण दोनों की बचत भी कर रही हैं। रोज़ाना 3,000 लीटर डीजल की बचत और 7,500 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कटौती से पर्यावरण में सुधार आ रहा है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी मदद मिल रही है।
वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) ए.के. सिंह ने जानकारी दी कि वर्तमान में वाराणसी में 50 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। इन ई-बसों के कारण सरकार को प्रतिमाह 68 से 70 लाख रुपये की बचत हो रही है।
पहले डीजल बसों के संचालन में लगभग 80-82 लाख रुपये खर्च होते थे, जबकि अब बिजली खर्च मात्र 12-14 लाख रुपये ही आता है। इस प्रकार इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से न केवल राज्य का राजस्व सुरक्षित हो रहा है, बल्कि विदेशी मुद्रा भी बच रही है।
ई-बसों के संचालन से पर्यावरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। एसी से सुसज्जित इन बसों में 28 यात्री बैठ सकते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से इनमें सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस और महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन भी लगाए गए हैं। डीजल बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से शहर में स्वच्छ हवा की गुणवत्ता बढ़ रही है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने में भी सहायता मिल रही है।
योगी सरकार की यह पहल विकास और पर्यावरण संतुलन का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो न केवल आर्थिक लाभ पहुंचा रही है, बल्कि उत्तर प्रदेश को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी मजबूत बना रही है।